खूनी बवासीर: लक्षण, नुकसान, परहेज और रामबाण इलाज की पूरी जानकारी

खूनी बवासीर का रामबाण इलाज

खूनी बवासीर (Hemorrhoids) एक गंभीर और तकलीफदेह समस्या है, जिसमें मलत्याग के दौरान या बाद में रक्तस्राव होता है। यह समस्या उन लोगों में अधिक देखी जाती है जो अनियमित दिनचर्या अपनाते हैं, फाइबर रहित भोजन करते हैं या लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहते हैं। अगर समय रहते इसका सही इलाज न किया जाए, तो यह अधिक कष्टदायक हो सकती है और सर्जरी की नौबत भी आ सकती है। खूनी बवासीर के प्रमुख लक्षणों में गुदा क्षेत्र में जलन, दर्द, खुजली और सूजन शामिल हैं।

अगर आप खूनी बवासीर की गारंटी की दवा की तलाश कर रहे हैं, तो आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार इसमें काफी प्रभावी हो सकते हैं। त्रिफला चूर्ण, अरंडी का तेल, देशी घी और जड़ी-बूटियों से बने हर्बल उपचार लंबे समय से इस समस्या को जड़ से खत्म करने में मददगार साबित हुए हैं। साथ ही, हाई-फाइबर डाइट, पर्याप्त पानी का सेवन और नियमित व्यायाम बवासीर को बढ़ने से रोक सकते हैं। इस लेख में हम खूनी बवासीर के लक्षण, संभावित नुकसान, परहेज और आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जिससे आपको बिना सर्जरी के स्थायी समाधान मिल सके।

खूनी बवासीर क्या होती है?

खूनी बवासीर (Hemorrhoids) एक दर्दनाक और तकलीफदेह स्थिति है, जिसमें गुदा (Anus) और मलाशय (Rectum) की नसें सूज जाती हैं और उनसे रक्तस्राव होने लगता है। यह समस्या कब्ज, अनियमित खानपान और बैठने की गलत आदतों के कारण बढ़ सकती है। अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकती है, जिससे असहनीय दर्द और जलन होने लगती है।

खूनी बवासीर के प्रकार

  1. आंतरिक बवासीर (Internal Hemorrhoids) – यह मलाशय के अंदर होती है और दर्द रहित होती है, लेकिन मल त्याग के दौरान खून आ सकता है।

  2. बाहरी बवासीर (External Hemorrhoids) – यह गुदा के बाहरी हिस्से में होती है, जो अत्यधिक दर्दनाक और सूजन युक्त हो सकती है।

  3. थ्रॉम्बोस्ड बवासीर (Thrombosed Hemorrhoids) – इसमें नसों में खून का थक्का जम जाता है, जिससे तेज दर्द और जलन महसूस होती है।

  4. संक्रमित बवासीर (Infected Hemorrhoids) – जब बवासीर में बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो जाता है, तो उसमें पस और घाव बनने लगते हैं, जिससे समस्या और बढ़ सकती है।

खूनी बवासीर क्यों और कैसे होती है?

खूनी बवासीर (Piles) एक दर्दनाक समस्या है, जिसमें गुदा (Anus) और मलाशय (Rectum) की नसें सूज जाती हैं और उनमें रक्तस्राव होने लगता है। यह समस्या आमतौर पर गलत जीवनशैली, खराब खानपान और पाचन तंत्र की गड़बड़ी के कारण होती है। अगर इसे समय पर कंट्रोल न किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकती है और सर्जरी तक की नौबत आ सकती है।

खूनी बवासीर के प्रमुख कारण:

खूनी बवासीर एक गंभीर समस्या है, जो गलत जीवनशैली और पाचन तंत्र की गड़बड़ी के कारण होती है। इसे रोकने के लिए पहले हमें इसके मुख्य कारणों को समझना होगा। आइए जानते हैं खूनी बवासीर के 10 बड़े कारण और उनके प्रभाव:

1. कब्ज (Constipation) – मल त्याग में कठिनाई

जब भोजन सही से पचता नहीं है और मल कठोर हो जाता है, तो उसे बाहर निकालने के लिए ज़्यादा ज़ोर लगाना पड़ता है। इससे गुदा की नसों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे वे सूजने लगती हैं और उनमें रक्तस्राव होने लगता है। लंबे समय तक कब्ज रहने से खूनी बवासीर का खतरा बढ़ जाता है।

बचाव:
ज्यादा फाइबर युक्त आहार लें (फल, सब्जियां, साबुत अनाज)।
खूब पानी पिएं और पाचन सुधारने के लिए रोज़ाना त्रिफला चूर्ण लें।

2. दस्त (Diarrhea) – बार-बार शौच जाना

लगातार दस्त लगने से गुदा क्षेत्र में जलन और सूजन हो सकती है। इससे वहां की नसें कमजोर हो जाती हैं, जिससे खूनी बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है।

बचाव:
तली-भुनी चीजें और ज्यादा मसालेदार भोजन से बचें।
प्रोबायोटिक फूड जैसे दही का सेवन करें।

3. गर्भावस्था (Pregnancy) – बढ़ता दबाव

गर्भावस्था के दौरान पेट का आकार बढ़ने से पेट के निचले हिस्से और मलाशय पर दबाव बढ़ता है। इससे गुदा की नसों में सूजन आ सकती है और बवासीर हो सकती है।

बचाव:
गर्भावस्था के दौरान हाई-फाइबर डाइट लें और ज्यादा पानी पिएं।
हल्के योग और व्यायाम करें ताकि पाचन सही बना रहे।

4. मोटापा (Obesity) – शरीर का अतिरिक्त भार

अधिक वजन के कारण पेट और मलाशय पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे वहां की नसें कमजोर हो जाती हैं। इससे बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है।

बचाव:
हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
ज्यादा देर तक बैठे रहने से बचें और एक्टिव रहें।

5. लंबे समय तक बैठना (Sedentary Lifestyle) – एक ही जगह पर लगातार बैठना

जो लोग लंबे समय तक ऑफिस में बैठे रहते हैं या बहुत कम फिजिकल एक्टिविटी करते हैं, उनमें खूनी बवासीर होने का खतरा ज्यादा रहता है। लगातार बैठने से गुदा की नसों पर दबाव बढ़ता है और रक्त संचार प्रभावित होता है।

बचाव:
हर 30-40 मिनट में उठकर थोड़ा चलें।
कुशन का इस्तेमाल करें ताकि गुदा क्षेत्र पर कम दबाव पड़े।

6. कम फाइबर वाला आहार (Low-Fiber Diet) – पाचन तंत्र को कमजोर बनाना

फाइबर की कमी से मल कठोर हो जाता है और कब्ज की समस्या होती है। कब्ज के कारण जब मल त्याग में ज़्यादा ज़ोर लगाना पड़ता है, तो खूनी बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है।

बचाव:
अपनी डाइट में फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और दालें शामिल करें।
जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से बचें।

7. शरीर में पानी की कमी (Dehydration) – मल को कठोर बनाना

अगर शरीर में पानी की मात्रा कम होगी, तो मल कठोर हो जाएगा, जिससे कब्ज होगी और खूनी बवासीर हो सकती है।

बचाव:
रोज़ाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
नारियल पानी, छाछ और हर्बल चाय का सेवन करें।

8. भारी वजन उठाना (Heavy Lifting) – नसों पर अधिक दबाव डालना

बार-बार भारी वजन उठाने से पेट और गुदा की नसों पर दबाव बढ़ता है, जिससे वे फूल सकती हैं और बवासीर हो सकती है।

बचाव:
ज्यादा भारी वजन उठाने से बचें और सही तकनीक से उठाएं।
 शरीर को मजबूत बनाने के लिए हल्के व्यायाम करें।

9. उम्र बढ़ने के साथ नसों की कमजोरी (Aging)

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, नसों की लोच कम हो जाती है और वे कमजोर होने लगती हैं। इससे खूनी बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है।

बचाव:
हेल्दी डाइट लें और फिजिकल एक्टिविटी बनाए रखें।
रोज़ाना 15-20 मिनट वॉक करें और ज्यादा पानी पिएं।

10. मसालेदार और जंक फूड (Spicy & Junk Food) – पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाना

ज्यादा मसालेदार और तला-भुना खाना खाने से पेट में जलन और कब्ज की समस्या हो सकती है, जिससे बवासीर का खतरा बढ़ जाता है।

बचाव:
घर का बना हुआ संतुलित और हल्का खाना खाएं।
ज्यादा तेल और मसालों से बचें, खासकर रात के समय।

खूनी बवासीर की गारंटी की दवा

खूनी बवासीर (Bleeding Piles) एक गंभीर समस्या है, जिसमें गुदा से खून आना, जलन और असहनीय दर्द होता है। यह समस्या अधिकतर कब्ज, अनियमित जीवनशैली, भारी भोजन और लंबे समय तक बैठने के कारण होती है। अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह मलाशय की नसों को और कमजोर कर देती है, जिससे स्थिति इतनी बिगड़ सकती है कि सर्जरी करवानी पड़ सकती है।

हालाँकि, आयुर्वेदिक दवाओं, घरेलू उपायों और जीवनशैली में सुधार करके इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है। अगर आप खूनी बवासीर की गारंटी की दवा खोज रहे हैं, तो ये उपाय आपकी मदद कर सकते हैं।

1. त्रिफला चूर्ण – कब्ज दूर करके बवासीर को जड़ से खत्म करें

त्रिफला चूर्ण आयुर्वेद की सबसे शक्तिशाली औषधियों में से एक है, जो तीन जड़ी-बूटियों – हरड़, बहेड़ा और आंवला से बनी होती है। यह पाचन को दुरुस्त करके कब्ज को जड़ से खत्म करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • रोज़ रात को सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी या दूध के साथ लें।
  • इससे आंतें साफ होंगी, गुदा पर दबाव कम होगा और खूनी बवासीर का दर्द भी घटेगा।

2. नागकेसर – खूनी बवासीर में रक्तस्राव रोकने की रामबाण औषधि

नागकेसर एक प्राकृतिक हेमोस्टेटिक औषधि है, जो खून के बहाव को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाती है और जल्दी से जल्दी रक्तस्राव रोकती है। खूनी बवासीर के इलाज में इसे गोल्ड स्टैंडर्ड माना जाता है।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • 1 ग्राम नागकेसर पाउडर को शहद या गर्म पानी के साथ रोज़ सुबह लें।
  • यह खून बहने को रोकने के साथ-साथ गुदा की सूजन भी कम करता है।

3. अश्वगंधा और शतावरी – कमजोर नसों को मजबूत करने का बेस्ट उपाय

कमजोर और सूजी हुई नसें खूनी बवासीर का बड़ा कारण बनती हैं। अश्वगंधा और शतावरी गुदा की नसों को मजबूत करके उनकी सूजन को कम करती हैं और दर्द में राहत दिलाती हैं। ये जड़ी-बूटियां शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती हैं।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • 1 चम्मच अश्वगंधा और शतावरी पाउडर को दूध के साथ सुबह-शाम लें।
  • यह नसों की कमजोरी को दूर करके बवासीर को दोबारा होने से बचाता है।

4. एलोवेरा जेल – जलन और सूजन के लिए सबसे असरदार उपाय

एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गुदा की जलन और सूजन को कम करते हैं। यह त्वचा को ठंडक देने और घाव भरने में बेहद असरदार है।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • ताज़ा एलोवेरा जेल लेकर प्रभावित जगह पर दिन में 2-3 बार लगाएं।
  • इससे गुदा क्षेत्र ठंडा रहेगा, जलन दूर होगी और घाव जल्दी ठीक होगा।

5. जीरा और सौंफ – पाचन सुधारकर कब्ज से बचाव करें

खराब पाचन और कब्ज खूनी बवासीर के मुख्य कारण हैं। जीरा और सौंफ पाचन को सुधारते हैं और आंतों में गैस बनने से रोकते हैं।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • 1 चम्मच जीरा और सौंफ को भूनकर पाउडर बना लें और भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ लें।
  • यह पाचन में सुधार करता है और कब्ज को रोकता है।

6. नारियल तेल और कपूर – तुरंत दर्द और खुजली से राहत पाएं

नारियल तेल प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, जो गुदा की जलन और खुजली को कम करता है।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • 1 चम्मच नारियल तेल में 1 चुटकी कपूर मिलाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
  • यह जलन को तुरंत कम करेगा और खुजली से राहत दिलाएगा।

7. पतंजलि अर्शकल्प वटी – आयुर्वेदिक गोली खूनी बवासीर के लिए

पतंजलि अर्शकल्प वटी आयुर्वेदिक दवा है, जो खूनी और बादी बवासीर दोनों में असरदार होती है।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • इसे दिन में 2 बार गर्म पानी या छाछ के साथ लें।
  • यह सूजन कम करता है, मस्सों को सुखाने में मदद करता है और रक्तस्राव रोकता है।

8. लेजर सर्जरी – बिना कट वाला आधुनिक इलाज

अगर दवाओं और घरेलू उपायों से राहत न मिले, तो लेजर सर्जरी एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें कोई कट नहीं लगता और दर्द भी बेहद कम होता है।

लेजर सर्जरी के फायदे:

  • यह तेजी से ठीक होती है और रिकवरी टाइम कम होता है।
  • इसमें खून बहने की संभावना बहुत कम होती है।

9. रबर बैंड लिगेशन – बवासीर को सुखाकर गिराने की विधि

इस तकनीक में बवासीर के मस्सों को एक छोटे रबर बैंड से बांध दिया जाता है, जिससे रक्त संचार बंद हो जाता है और कुछ दिनों में वे खुद ही गिर जाते हैं।

यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिनकी बवासीर पुरानी हो चुकी है और घरेलू उपायों से ठीक नहीं हो रही।

10. स्टेपलिंग सर्जरी – सूजन कम करने की नई तकनीक

स्टेपलिंग सर्जरी खूनी बवासीर का एक आधुनिक इलाज है, जिसमें गुदा की नसों की सूजन को कम करके उन्हें सही स्थिति में लाया जाता है।

इसके फायदे:

  • यह दर्द रहित होती है और जल्दी रिकवरी में मदद करती है।
  • इसमें कट लगाने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है।

 जरूरी बातें जो ध्यान में रखें:

  • फाइबर युक्त भोजन करें – हरी सब्जियाँ, फल और साबुत अनाज खाएं।
  • पर्याप्त पानी पिएं – दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं।
  • ज्यादा देर तक न बैठें – ज्यादा देर बैठने से गुदा क्षेत्र पर दबाव बढ़ता है।
  • हल्का व्यायाम करें – योग और हल्की एक्सरसाइज से पाचन तंत्र मजबूत होता है।
  • मसालेदार भोजन और शराब से बचें – ये आंतों में जलन पैदा कर सकते हैं।

बवासीर की गारंटी की दवाKayashree Piles Detox

Kayashree Piles Detox एक प्रभावी आयुर्वेदिक समाधान है, जो 100% हर्बल अवयवों से बना है। यह सूजन, दर्द, जलन और कब्ज जैसी समस्याओं को जड़ से खत्म करने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और बवासीर दोबारा होने की संभावना कम हो जाती है। डॉक्टरों द्वारा सुझाई गई यह दवा आंतरिक व बाहरी बवासीर दोनों में असरदार है और बिना किसी साइड इफेक्ट के तेजी से आराम देती है।

सर्जरी के विकल्प:

अगर खूनी बवासीर अत्यधिक गंभीर हो जाए और घरेलू इलाज या आयुर्वेदिक दवाओं से राहत न मिले, तो सर्जरी ही आखिरी और पक्का उपाय बचता है। यह उन मरीजों के लिए फायदेमंद होता है, जिनकी बवासीर बहुत पुरानी हो चुकी है या जिनके मस्से इतने बड़े हो गए हैं कि दवाओं से ठीक नहीं हो सकते।

1. लेजर सर्जरी – बिना कट और दर्द के आधुनिक इलाज

लेजर सर्जरी बवासीर के इलाज का सबसे आधुनिक और प्रभावी तरीका है। इसमें किसी भी तरह का कट या टांका नहीं लगाया जाता, बल्कि लेजर बीम से बवासीर के मस्सों को सिकोड़कर खत्म कर दिया जाता है।

लेजर सर्जरी के फायदे:

  • दर्द रहित प्रक्रिया – चीर-फाड़ नहीं होती, जिससे दर्द न के बराबर होता है।
  • जल्दी ठीक होने वाली सर्जरी – मरीज 24 घंटे के अंदर घर जा सकता है।
  • इन्फेक्शन का खतरा बेहद कम – कट न लगने से घाव नहीं बनता।
  • इन्फेक्शन का खतरा बेहद कम – कट न लगने से घाव नहीं बनता।

किन मरीजों के लिए उपयुक्त है?

  • जिनकी बवासीर तीसरे या चौथे स्टेज में पहुंच चुकी है।
  • जिनका बार-बार खून बह रहा है और दर्द असहनीय हो गया है।
  • जिनका पुराना इलाज और घरेलू उपाय काम नहीं कर रहे।

2. रबर बैंड लिगेशन – बवासीर के मस्सों को सुखाकर गिराने की विधि

रबर बैंड लिगेशन एक गैर-सर्जिकल और बेहद प्रभावी तकनीक है, जिसमें बवासीर के मस्सों के ऊपर एक छोटा रबर बैंड लगाया जाता है। इससे उस हिस्से में खून की सप्लाई बंद हो जाती है, और कुछ ही दिनों में वह हिस्सा खुद गिर जाता है।

रबर बैंड लिगेशन के फायदे:

  • जल्दी और आसान प्रक्रिया – यह केवल 10-15 मिनट में हो जाती है।
  • बेहोशी की जरूरत नहीं – मरीज सामान्य स्थिति में रह सकता है।
  • बेहोशी की जरूरत नहीं – मरीज सामान्य स्थिति में रह सकता है।
  • रिकवरी तेज होती है – कुछ दिनों में मस्से खुद सूखकर गिर जाते हैं।

किन मरीजों के लिए उपयुक्त है?

  • जिनके मस्से बहुत बड़े नहीं हुए, लेकिन दर्दनाक हैं।
  • जिनकी बवासीर अंदरूनी (Internal Hemorrhoids) है और खून बहता रहता है।

3. स्टेपलिंग सर्जरी – सूजन कम करके नसों को मजबूत करने की विधि

स्टेपलिंग सर्जरी खूनी बवासीर के लिए एक नवीनतम तकनीक है, जिसमें सूजी हुई नसों को सही स्थिति में लाने और रक्त प्रवाह को सुधारने के लिए एक विशेष स्टेपलिंग डिवाइस का उपयोग किया जाता है।

स्टेपलिंग सर्जरी के फायदे:

  • कम दर्द – इसमें ज्यादा चीर-फाड़ नहीं होती।
  • जल्दी रिकवरी – 4-5 दिनों में मरीज सामान्य काम कर सकता है।
  • कम खून बहना – नसों को तुरंत ठीक कर दिया जाता है।
  • लंबे समय तक असरदार – बवासीर दोबारा होने की संभावना बेहद कम।

किन मरीजों के लिए उपयुक्त है?

  • जिनकी बवासीर बहुत बड़ी हो गई है और लगातार खून बह रहा है।
  • जिनकी बवासीर पुरानी हो चुकी है और बार-बार समस्या कर रही है।

जरूरी बातें जो ध्यान में रखें:

सर्जरी का फैसला तभी लें जब घरेलू उपाय और दवाएं बेअसर हो जाएं
किसी अनुभवी डॉक्टर से सलाह लें और अपनी मेडिकल हिस्ट्री साझा करें।
सर्जरी के बाद फाइबर युक्त आहार लें और पर्याप्त पानी पिएं, ताकि दोबारा बवासीर न हो।
हल्की फुल्की एक्सरसाइज करें और ज्यादा देर तक न बैठें।

खूनी बवासीर के लक्षण और उपचार

खूनी बवासीर के प्रमुख लक्षण:

  • बैठने में असहजता
  • मल त्याग के दौरान या बाद में रक्तस्राव
  • गुदा में सूजन या गांठ बनना
  • गुदा के चारों ओर त्वचा में लाली या सूजन
  • मल त्याग के दौरान अत्यधिक दर्द

खूनी बवासीर का रामबाण इलाज:

  1. गुनगुने पानी में बैठें: दिन में 2-3 बार गुनगुने पानी में बैठने से दर्द और सूजन कम होती है।
  2. खान-पान में बदलाव: अधिक फाइबर वाला भोजन, जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं।
  3. भरपूर पानी पिएं: दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
  4. व्यायाम करें: नियमित योग और हल्के व्यायाम करें।
  5. एलोवेरा और नारियल तेल: प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से राहत मिलती है।
  6. अदरक और शहद: पाचन सुधारने और गैस कम करने में मदद करता है।

खूनी बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए?

खूनी बवासीर की समस्या गलत आहार और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण बढ़ सकती है। ऐसे कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं, मल त्याग को कठिन बनाते हैं और बवासीर की सूजन और जलन को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, इनसे बचना बेहद जरूरी है।

मसालेदार और तली-भुनी चीजें – जलन और सूजन को बढ़ाने वाली दुश्मन!

तेज़ मिर्च, गरम मसाले और तले हुए खाद्य पदार्थ आंतों और गुदा में जलन और सूजन को बढ़ा सकते हैं। ये मल को कठोर बनाते हैं और खूनी बवासीर के लक्षणों को और भी तकलीफदेह बना सकते हैं।

क्या बचना चाहिए?

  • मिर्ची, गरम मसाले, पकोड़े, समोसे, पूरी, भटूरे, चिप्स, और डीप फ्राइड फूड।
  • क्या खाएं? – हल्का और कम मसाले वाला खाना, सादा दाल-चावल, उबली हुई सब्जियां।

अल्कोहल और कैफीन – शरीर को डिहाइड्रेट कर कब्ज को बढ़ाने वाले

शराब और कैफीन (कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स) शरीर में पानी की कमी कर देते हैं, जिससे मल सख्त हो जाता है और मल त्याग में कठिनाई होती है। इससे गुदा की नसों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे खूनी बवासीर की समस्या और बढ़ जाती है।

क्या बचना चाहिए?

  • शराब, बीयर, कॉफी, चाय, सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स।
  • क्या पिएं? – नारियल पानी, ताज़े फलों का रस, छाछ, गुनगुना पानी।

अधिक मांसाहारी भोजन – पाचन में भारी और कब्ज बढ़ाने वाला

रेड मीट और भारी मांसाहारी भोजन पचने में अधिक समय लेते हैं और फाइबर की कमी के कारण कब्ज बढ़ा सकते हैं। इससे मल कठोर हो जाता है और मल त्याग के दौरान ज्यादा ज़ोर लगाने से खूनी बवासीर की समस्या गंभीर हो सकती है।

क्या बचना चाहिए?

  • रेड मीट, तला हुआ चिकन, प्रोसेस्ड मीट, अधिक मसालेदार मांसाहारी भोजन।
  • क्या खाएं? – अगर मांसाहार खाना ही है, तो उबला हुआ चिकन या मछली खाएं, साथ में हरी सब्जियां और फाइबर युक्त भोजन लें।

रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड – फाइबर की कमी से पाचन खराब करने वाले

बाजार में मिलने वाले रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड्स में फाइबर न के बराबर होता है, जिससे कब्ज और बवासीर की समस्या बढ़ जाती है। इसके अलावा, इनमें रसायन और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो पेट को नुकसान पहुंचाते हैं और पाचन क्रिया को धीमा कर सकते हैं।

क्या बचना चाहिए?

  • मैदा, ब्रेड, पिज्जा, बर्गर, इंस्टेंट नूडल्स, पेस्ट्री, पैकेज्ड स्नैक्स।
  • क्या खाएं? – गेहूं की रोटी, मल्टीग्रेन ब्रेड, ओट्स, दलिया, साबुत अनाज।

नतीजा – सही खानपान से बवासीर को बढ़ने से रोकें!

खूनी बवासीर से बचने के लिए सही आहार बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप मसालेदार, तला-भुना, प्रोसेस्ड और कब्ज बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से बचेंगे, तो आपको बवासीर में जल्दी राहत मिलेगी। इसके अलावा, फाइबर युक्त आहार, पर्याप्त पानी और हल्का व्यायाम अपनाने से बवासीर की समस्या को जड़ से खत्म करने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष

खूनी बवासीर एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही इलाज, खान-पान और जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि स्थिति गंभीर हो जाए तो खूनी बवासीर का रामबाण इलाज सर्जरी हो सकती है।


 

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